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Sunday, 4 December 2016

जय राजपुताना

चित्तौड़ के तीसरे साके में वीरगति पाने वाले महान योद्धा पत्ता/फत्ता चुण्डावत का स्मारक, जिनकी तुलना अकबर ने 1000 घुड़सवारों से की फत्ता जी को लोक देवता की तरह पूजा जाता है।
चित्तौड़ के तीसरे साके में ये लड़ते-लड़ते अकबर के पास पहुंचे ही थे कि तभी एक हाथी ने इन्हें जमीन पर पटक दिया फत्ता जी अकबर को कुछ कहने ही वाले थे कि तभी इनके प्राण चले गए ये सबसे अन्त में वीरगति को प्राप्त हुए।

इनके माता-पिता, 9 रानियाँ, 5 पुत्रियों व 4 पुत्रों ने मेवाड़ के लिए समय-समय पर बलिदान दिए।
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